कथा को सुनने पहुंचे कथा प्रेमी और भक्त:जया किशोरी ने कहा -भक्त की भक्ति सही और निस्स्वार्थ हो तो ईश्वर को उसकी भक्ति स्वीकार करने के लिए स्वयं उपस्थित होना पड़ता है

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