तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में महिला आरक्षित कोटे को फिर से 30 प्रतिशत करने की मांग को लेकर सोमवार को बेरोजगार युवाओं ने मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा। युवाओं ने बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को 30 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर देना न्यायोचित नहीं है। क्योंकि वर्तमान समय में अपनी प्रतिस्पर्धा से बालिकाएं हर भर्ती परीक्षा में 40 से 50 प्रतिशत सीटें प्राप्त कर रही है। ऐसे महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना सही फैसला नहीं है। इस निर्णय का पुरुष वर्ग के साथ महिलाएं भी विरोध कर रही है। साथ ही एक्स सर्विसमेन विधवा, विकलांग का भी कोटा निश्चित है तो फिर लड़कों के लिए बचा क्या? हमारे साथ अन्याय हो गया है। लड़कों के लिए सारे कोटे को काटकर 15 से 20 फीसदी सीट ही बचेगी, जिस पर एससी एसटी ओबीसी जनरल, और ईडब्ल्यूएस के साथ-साथ महिलाएं भी फाइट करेगी। लड़कों की संख्या लड़कियों की अपेक्षा कई गुना अधिक है। इस निर्णय ने लड़कों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया है, पुरुष वर्ग बेरोजगार होकर सड़कों पर आ जाएगा। सरकार अपना यह निर्णय वापस नहीं लिया तो राजस्थान के पुरुष आंदोलन करेंगे। महिलाओं को सशक्तिकरण अन्य तरीके से उनकी कोचिंग फीस वापस भी करके, निशुल्क बीएड बीएसटीसी करवाकर कर सकते है। इस दौरान जिले भर के युवाओं ने पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
50 प्रतिशत महिला आरक्षण विरोध:युवाओं ने सीएम के नाम कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन, आंदोलन की दी चेतावनी
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