तीन नए क्रिमिनल लॉ भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 देशभर में 1 जुलाई से प्रभावी होंगे। नए कानूनों की जानकारी देने के लिए पुलिस-प्रशासन भी सक्रिय हो गए हैं। इसे लेकर पुलिस अधीक्षक रंजीता शर्मा ने खान भांकरी ग्राम पंचायत के आईटी केंद्र में आयोजित संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। एसपी ने सीएलजी सदस्यों, पुलिस मित्रों, सुरक्षा सखी तथा आमजन को नए कानून विधियों भारतीय न्याय संहिता की जानकारी दी। वहीं प्रशासन द्वारा भी संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने ब्रिटिश कालीन आईपीसी, सीआरपीसी एवं साक्ष्य अधिनियम के तीनों कानूनों खत्म कर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 में परिवर्तित किया है। दरअसल नवीन फौजदारी कानून 1 जुलाई 2024 से लागू करने के पीछे भारत सरकार का उद्देश्य देश में नागरिकों को त्वरित न्याय एवं न्यायिक व अदालत प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना है। नए कानूनों के लागू होने से तारीख पर तारीख वाली लचरता दूर होगी और 3 साल में न्याय दिया जाना भी सुनिश्चित होगा। संसद में पास तीनों कानून में कई खूबियां भी हैं। ये विशेषकर अपराध पीड़ित को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। आतंकवाद, मॉब लिंचिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के लिए सजा को और सख्त किया गया है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के जमाने में बनाए गए आईपीसी, सीआरपीसी एवं साक्ष्य कानून की जगह लेंगे।
1 जुलाई से लागू होंगे नए कानून, SP का संवाद:सीएलजी सदस्यों, पुलिस मित्रों, सुरक्षा सखी व आमजन को दी भारतीय न्याय संहिता की जानकारी
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