अलवर शहर के निकट मन्नाका गांव के हिस्ट्रीशीटर फिरोज खान व चाचा-ताऊ के मकान पर बुधवार को बुलडोजर चल सकता है। एक दिन पहले सोमवार को घर पर नोटिस चस्पा कर 72 घंटे में जवाब मांगा है। लेकिन नोटिस 23 जून का है। इसलिए बुधवार को ही 72 घंटे पूरे हो जाएंगे। इससे पहले यूआईटी ने मकान के बाहर व भीतर लाल निशान लगा रखे हैं। जिसे अतिक्रमण मान लिया। लाल निशान के अनुसार हिस्ट्रीशीटर व उसके चाचा ताऊ का मकान भी टूटेगा। अलवर में बीजेपी सरकार में बदमाश के घर को बुलडोजर से तोड़ने की यह पहली कार्यवाही होगी। परिवार कह रहा 40 साल पुराना पट्टा फिरोज के दूसरे दादा अमर सिंह का कहना है कि उनके पास 40 साल पुराना डेढ़ बीघा जमीन का पट्टा है। उसी जमीन में मकान बना हुआ है। अब यूआईटी के पास जवाब आने के बाद तय होगा कि निर्माण अवैध है या नहीं। वैसे यूआईटी प्रारंभिक तौर पर अवैध मान चुकी। मकान पर लाल निशान लगा दिए। उसके बाद नोटिस लगा दिया। अब ढहाने की तैयारी है। पुलिस के हाथ नहीं आया फिरोज फिरोज खान पुलिस के हाथ नहीं आ सका है। वह 22 जून की देर शाम को भाग गया था। पुलिस पर उसके परिवार के लोगों ने घेर कर हमला किया था। जिसमें पुलिसकर्मियों को भी चोट आई थी। पहले दिन पुलिस ने बताया था कि फिरोज ट्रोले में बैठकर फरार हुआ था। लेकिन बाद में पता लगा कि ट्रोले वाला फिरोज नहीं था। फिरोज घर के पीछे से भागा था। उसके बाद पुलिस ने उसके परिवार के 9 लोगों को पहले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था।
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