शिक्षा मंत्री के बयान के विरोध में प्रदर्शन:भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने कलेक्ट्रेट में की नारेबाजी, दिलावर को पद से हटाने की मांग

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के डीएनए टेस्ट वाले बयानों पर सोमवार को भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने जमकर नारेबाजी की और शिक्षा मंत्री को पद से हटाने की मांग की। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले बीएपी से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट के सामने इकट्ठे हुए। कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार के एक बड़े मंत्री ने आदिवासियों के डीएनए टेस्ट की बात कर आदिवासियों का अपमान किया है। शिक्षा मंत्री अपने बयानों को लेकर माफी मांगे। नहीं तो पूरे प्रदेश में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा और भारत आदिवासी पार्टी की ओर से आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज सभी धर्म को मानता है। वह किसी एक धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है। आदिवासी नेता कांतिलाल रोत ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा दिए गए बयान से आदिवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। हमारा समुदाय धर्मपूर्वी है, जो प्राचीन काल से हमारी स्वयं की संस्कृति, परम्परा और बोली है, जो अन्य धर्मों से हमें अलग करती है। संविधान के आर्टिकल 342 की परिभाषा के अनुसार शेड्यूल ट्राइब की विशिष्ट पहचान, परम्परा बोली के बारे बताया गया है। आदिवासी किसी धर्म के भाग नहीं हैं, बल्कि हम प्रकृति पूजक हैं। उन्होंने प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा आदिवासियों के सम्बन्ध में दिए गए इस बयान पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को आदिवासियों के संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी नहीं है और न ही वे आदिवासियों की संस्कृति से परिचित हैं। उन्होंने इस तरह के बयान देकर आदिवासियों की आस्था और पहचान को ठेस पहुंचाई है। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने जिला कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन देकर मदन दिलावर को शिक्षा मंत्री पद से हटाने और आदिवासियों से माफी मांगने की मांग की है।

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