अभी तक अपने मकर संक्रांति के बारे में ही सुना और देखा होगा, लेकिन जनजाति जिले बांसवाड़ा में आने वाले माह में कर्क संक्रांति का आयोजन होगा। इस आयोजन में खगोलीय विशेषज्ञों और कर्क रेखा के बारे में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा। यानी 100 द्वीपों वाले शहर के नाम से मशहूर बांसवाड़ा की पहचान जल्द ही कर्क रेखा से भी जानी जाएगी। प्रदेश में सिर्फ बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले में ही कर्क रेखा की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति पर होने के कारण गुजर रही हैं। संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन की पहल पर पहली बार 16 जुलाई को उत्सवी माहौल में कर्क संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इसके लिए प्रशासनिक तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। आयुक्त डॉ.पवन ने बताया कि वागड़ के बांसवाड़ा और डूंगरपुर लिए यह गौरव का विषय है कि इस क्षेत्र के लोग ब्रह्मांड में एक विशिष्ट भौगोलिक स्थिति पर निवास कर रहे हैं। समूचा भारत मकर संक्रांति मनाता है, परंतु कर्क रेखा पर स्थित होने के कारण वागड़वासी मकर संक्रांति के साथ साथ कर्क संक्रांति भी मनाने जा रहे हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य है कि इस अंचल के गौरवमयी तथ्य को लेकर देश दुनिया के पर्यटकों को यहां आमंत्रित किया जाए.उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से वागड़ अंचल के दोनों जिलों में कर्क रेखा की स्थिति वाले पर्यटन स्थलों पर साइन बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं।साथ ही यह प्रयास किया जा रहा है कि कर्क संक्रांति के आयोजन को पूरा जिला यादगार तरीके से मनाए। इस आयोजन को उत्सवी माहौल में मनाया जाएगा और इसके लिए विविध गतिविधियों की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
बांसवाडा में अब कर्क संक्रांति मनाएंगे:सम्भागीय आयुक्त की पहल पर 16 जुलाई को होंगे विविध आयोजन, सीईओ की अध्यक्षता में बनाई कमेटी
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