नागौर के परशुराम सर्किल के पास पुराने अस्पताल से हटाया गया भामाशाह पित्ती परिवार का नाम फिर से लिख दिया गया है। चिकित्सा विभाग ने नागौर के जेएलएन जिला अस्पताल की एमसीएच विंग की बिल्डिंग जर्जर होने के कारण उसे अस्थाई रूप से पुराने अस्पताल भवन में शिफ्ट करने की तैयारी कर ली थी। लेकिन इससे पहले चिकित्सा विभाग ने पुराने अस्पताल भवन से भवन निर्माता सेठश्री वल्लभ रामदेव पित्ती का नाम हटाकर पंडित जवाहर लाल नेहरू मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र लिखवा दिया था। इसके बाद दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित हुई और वैश्य समाज ने कलक्टर को ज्ञापन देकर नाम बदलने को भामाशाह की उपेक्षा बताया। इसके बाद मंगलवार देर शाम को विभाग ने दोबारा भामाशाह परिवार का नाम लिखवा दिया। हालांकि अभी भी अस्पताल परिसर में जेएलएन एमसीएच विंग के बोर्ड लगे हुए हैं। चिकित्सा विभाग लंबे समय से पुराने अस्पताल भवन में एमसीएच विंग शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है। लेकिन कभी अधूरी तैयारी तो कभी राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से जच्चा-बच्चा का इलाज नागौर की ऐसी बिल्डिंग में हाे रहा है, जो कभी भी ढह सकती है। एमसीएच विंग की शिफ्टिंग को लेकर वर्तमान जिला कलक्टर भी 3 महीनों में 7 बार सीएमएचओ और पीएमओ को कह चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक कारणों से एमसीएच विंग की शिफ्टिंग को लेकर देरी हो रही है। मेडिकल स्टोर एसोसिएशन भी इस संबंध में जिला कलक्टर और उच्चाधिकारियों को विंग शुरू करने के लिए ज्ञापन दे चुकी है।
नागौर के पुराने अस्पताल पर फिर चमका भामाशाह का नाम:सेठ श्रीवल्लभ रामदेव पित्ती ने बनवाया था भवन, जिला अस्पताल की एमसीएच विंग की शिफ्टिंग के लिए बदल दिया था नाम
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