टीचर-सूचना सहायक के बाद वनपाल एग्जाम में भी पाया फर्जीवाड़ा:4 टीचर गिरफ्तार, चार दलाल समेत 12 डिटेन; 7 FIR, शक के घेरे में 40 लोग

राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं को लेकर बांसवाड़ा से बड़े खुलासे हो रहे हैं। रीट भर्ती-2022 और सूचना सहायक भर्ती-2018 में डमी बैठाकर अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी हासिल कर ली। पुलिस को वनपाल वनरक्षक भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली की सूचना मिल रही है। सरकारी नौकरी कर रहे टीचर-कर्मचारी ही लालच में दलाल बन गए। बांसवाड़ा पुलिस इस मामले में 40 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर रही है। अब तक 12 को डिटेन कर लिया है। डमी के जरिए सरकारी टीचर बने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। मोटी रकम लेकर डमी उपलब्ध कराने वाले 4 दलाल भी डिटेन कर लिए गए हैं। डीएसपी शिवन्या सिंह ने बताया- पुलिस ने 7 मामले दर्ज किए हैं। इनमें 6 मामले रीट शिक्षक भर्ती-2022 से जुड़े हैं और एक मामला सूचना सहायक भर्ती-2018 का है। शनिवार को डमी बैठाकर नौकरी पाने का एक और मामला दर्ज शनिवार सुबह रीट शिक्षक भर्ती में डमी बैठाकर नौकरी हासिल करने का एक मामला कसारवाडी (बांसवाड़ा) थाने में दर्ज किया गया है। आरोपी अभ्यर्थी थाना इलाके के टांडी गांव का देवीलाल है। उसे अभी नियुक्ति नहीं मिली है। लेकिन पाली जिले में डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन हो चुका है। काउंसिलिंग बाकी है। देवीलाल को पुलिस ने डिटेन कर लिया। देवीलाल ने बताया कि सरकारी टीचर वीरेंद्र से 7 लाख रुपए में सौदा हुआ था। आरोपी वीरेंद्र पुत्र टीटा मईडा अंदेश्वर ने देवीलाल को थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में सिलेक्शन कराने की गारंटी दी। देवीलाल ने वीरेंद्र को SSO आईडी दी। जॉइनिंग के बाद रुपए देने थे। वीरेंद्र की की ड्यूटी तांबेसरा उच्च माध्यमिक स्कूल में है। फिलहाल वह फरार है। वनपाल- वनरक्षक भर्ती में भी पकड़े जाएंगे अभ्यर्थी पुलिस सूत्रों ने बताया कि डमी अभ्यर्थी की धांधली टीचर भर्ती या सूचना सहायक भर्ती तक सीमित नहीं है। वनरक्षक और वनपाल भर्ती में भी गड़बड़ी की सूचना पुलिस को मिली है। अब तक ये 4 गिरफ्तार, फर्जीवाड़ा कर हासिल की नौकरी नौकरी हासिल करने वाले चारों अभ्यर्थी कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के हैं तो डमी अभ्यर्थी पाली और जोधपुर जिले के हैं। इनके अलावा एक और डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा देने का मामला सामने आया है। इसमें भी प्रवेश पत्र और प्रमाण पत्र प्राप्ति पत्र में कैंडिडेट के नाम एक समान हैं लेकिन फोटो दोनों पर अलग-अलग हैं। अभ्यर्थी राजेंद्र सज्जनगढ़ के टिंबा महुड़ी गांव का रहने वाला है। पुलिस इस मामले में छानबीन कर रही है। इनके अलावा तांबेसरा उच्च माध्यमिक में कार्यरत शिक्षक वीरेंद्र पुत्र टीटा निवासी अंदेश्वर को पुलिस की तलाश है। सरकारी नौकरी के दलाल, भ्रष्टाचार कर हुए मालामाल डीएसपी शिवन्या सिंह ने बताया- अब तक चार दलाल भी पुलिस की पकड़ में आए हैं। मुख्य दलाल सांचौर का रहने वाला है। दूसरा सेवालाल भाबोर हांडी गांव का निवासी है। वह ट्रैक्टर ड्राइवर रहा है। तीसरा शंकर लाल सज्जनगढ़ का रहने वाला है और जिला परिषद में कार्यरत सरकारी कर्मचारी है। चौथा छगन खड़िया गढ़ी पंचायत समिति में ग्राम विकास अधिकारी (VDO) है। सेवालाल, शंकर और छगन को सांचोर का दलाल डमी उपलब्ध कराता था। दलाल अभ्यर्थियों से 7 से 15 लाख रुपए में डील करते थे। दलाल नौकरी की 100 प्रतिशत गारंटी देते थे। महेश, महेंद्र और बादर को इन दलालों ने 12-12 लाख रुपए में डमी उपलब्ध कराए थे। छगन और शंकरलाल के खिलाफ विभाग की ओर से फिलहाल FIR दर्ज नहीं करवाई गई है। सीईओ वीसी गर्ग ने बताया- अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है और एफआईआर नहीं हुई है। एफआईआर आते ही दोनों के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। दलालों के जरिए SOG और पुलिस डमी आरोपियों की तलाश में है। ट्रैक्टर ड्राइवर और सरकारी कर्मचारी बन गए दलाल पूछताछ में मुकेश ने पुलिस को बताया- मैंने हाड़ी गांव निवासी एक एजेंट सेवालाल भाबोर ने संपर्क किया था। उसने कहा था कि तू सूचना सहायक का फॉर्म भर दे। परीक्षा कोई और देगा साथ ही नौकरी भी पक्की है। इसके लिए 7 लाख देने पड़ेंगे। सेवालाल को रकम दे दी। आवेदन कर डमी कैंडिडेट ने परीक्षा दी और सिलेक्शन हो गया। सेवालाल 2010 ‎तक ट्रैक्टर ड्राइवर था। अब उसके खुद के दो ट्रैक्टर और गांव में आलीशान मकान है। कुछ जमीनें‎ भी खरीदी हैं लेकिन अपने नाम रजिस्ट्री नहीं करवाई है। कुछ दिन पहले ही उसने ‎गांव में 7 लाख रुपए में एक प्लाट और सल्लोपाट में 87 लाख का मकान खरीदा है। सेवालाल ने‎ 2019 में ग्राम पंचायत हांडी से सरपंच का चुनाव भी लड़ा था। ‎ फर्जी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा दिलाने में शामिल कथित एजेंट छगन खड़िया तांबेसरा से 7 किमी ‎दूर पाली बड़ी पंचायत का रहने वाला है। वह तीन मंजिला आलीशान बंगले का मालिक है। उसके पास ‎एक बाइक व क्रेटा कार है। पत्नी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। सकन की पहली पोस्टिंग 2008 में ‎सज्जनगढ़ पंचायत समिति में हुई थी। उसने राठ, अंदेश्वर, तांबेसरा, जीवाखुटा, भुआदरा ‎में भी कार्य किया। वर्तमान में गढ़ी में पोस्टिंग है। ‎ ‎ सूचना सहायक भर्ती-2018 में भी फर्जीवाड़ा सूचना सहायक भर्ती-2018 में भी डमी कैंडिडेट बैठाकर नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। सज्जनगढ़ के अभ्यर्थी मुकेश ने 7.5 लाख रुपए देकर जालोर के डमी वीरमाराम से परीक्षा दिलाई और पास होकर सूचना सहायक बन गया। सज्जनगढ़ थानाधिकारी नागेंद्र सिंह ने बताया- शुक्रवार रात सूचना सहायक के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है। सज्जनगढ़ के पड़वाल ओंकार गांव का निवासी मुकेश पुत्र हवासिंह मईडा सज्जनगढ़ ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सूचना सहायक के पद पर कार्यरत है। सूचना मिली कि उसने फर्जी अभ्यर्थी बैठाकर पोस्ट हासिल की है। उसे पूछताछ के लिए थाने बुलाया। आरोपी ने जुर्म कबूल भी कर लिया है। खुलासे से लेकर गिरफ्तारी तक आरपीएस दंपती की भूमिका रीट डमी कैंडिडेट के खुलासे में बांसवाड़ा पुलिस के आरपीएस दंपती शिवन्या सिंह और विनय चौधरी की अहम भूमिका रही। विनय चौधरी बागीदौरा में डीएसपी हैं। उनकी पत्नी शिवन्या सिंह कुशलगढ़ डीएसपी हैं। ऐसे में आरोपियों की धरपकड़, पूछताछ, डिटेन की कार्रवाई, संदिग्धों से पूछताछ कर अन्य लिप्त आरोपियों की भी पड़ताल भी दंपती कर रहे हैं।

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