राज्य सरकार द्वारा तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को 30% से बढ़ाकर 50% करने के विरोध में युवाओं ने कलेक्ट्रेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया। सोमनाथ सर्किल पर बड़ी संख्या में एकत्रित हुए युवा नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। युवाओं का कहना था कि महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण बढ़ाना कतई न्यायसंगत नहीं है। क्योंकि राजस्थान में न तो महिलाओं की जनसंख्या पुरुषों के बराबर है और न ही महिला साक्षरता पुरुषों के बराबर है। इस आरक्षण वृद्धि के कारण पुरुष वर्ग को होने वाला नुकसान यह है कि 50% महिला आरक्षण, 12.5% एससी सेवा मान आरक्षण, 4% विकलांग कोटा, 7% विधवा और तलाकशुदा महिला आरक्षण, 10% महिलाएं अपनी ही श्रेणी में पुरुष वर्ग की सामान्य सीटों पर हर बार चयनित हो जाती हैं। इस प्रकार कुल 85.5% सीटें पूरी हो जाती हैं, तो फिर पुरुष वर्ग के लिए नाममात्र की सीटें केवल 14.5% ही शेष रह जाती हैं। यह युवाओं के साथ अन्याय है। लड़कों की संख्या लड़कियों की अपेक्षा कई गुना अधिक है। ऐसे में महिला आरक्षण में वृद्धि कर लड़कों को अवसाद में डाल दिया है। इस अवसादपूर्ण जीवन के कारण पुरुष वर्ग आत्महत्या की ओर कदम बढ़ाएगा। युवाओं का कहना है कि इस महिला आरक्षण को पुनः 30% नहीं करते हैं तो बेरोजगार पुरुष वर्ग सड़कों पर आ जाएगा। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष मनोज मीणा, प्रशांत वर्मा, योगेश यादव, जसवंत सिंह, कमलेश मीणा, सुनील मीणा ने एडीएम को ज्ञापन दिया।
टीचर भर्ती में महिला आरक्षण के विरोध में उतरे युवा:रैली निकालकर कलेक्ट्रेट के सामने विरोध प्रदर्शन, फैसले को युवाओं के साथ कुठाराघात बताया
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