जवाई नदी के 200KM में 20 स्थानों पर अवैध दोहन:बजरी माफिया ने किया छलनी, पुलिस बोली- लीज बंद, लेकिन मौके पर चालू

राजस्थान में मानसून की दस्तक से पहले राजस्थान की गंगा को बजरी माफियाओं ने छलनी कर दिया है। करीब 200 किलोमीटर क्षेत्र में फैली जवाई नदी में दिन-रात बजरी का अवैध दोहन किया जा रहा है। जिससे गहरे गड्‌ढे होने के कारण नदी का बहाव क्षेत्र बदलकर नदी के हिस्से बंटने की आशंका है। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के छह जिलों में बजरी खनन के लिए प्रस्तावित 22 खनन पट्टों की ई-नीलामी पर रोक लगा दी है, जिसमें जालोर भी शामिल है। जानकारी के अनुसार जिले में आहोर के पंचानवा से प्रवेश करने के साथ ही बागोड़ा तक नदी का बहाव क्षेत्र है, जहां रोजाना करीब 200 से अधिक डंपर व ट्रैक्टरों के द्वारा बजरी का अवैध दोहन जारी है। जिससे बहाव क्षेत्र में 10 से 20 फिट तक गहरे गड्ढे हो गए है। जवाई नदी कहलाती है राजस्थान की गंगा
जवाई नदी को जालोर की जीवनरेखा और राजस्थान की गंगा भी कहा जाता है। पिछले साल 2 माह तक जवाई में पानी का अच्छा बहाव रहा, जिससे आसपास के इलाकों में भूजल रिचार्ज हुआ। इससे अभी तक खेती की जा रही हैं। जवाई नदी पाली जिले के बाद जालोर में आहोर के पंचावना गांव से प्रवेश होता हैं, फिर जालोर तक पहुंचती है। उसके बाद उम्मेदाबाद, सायला होते हुए बागोड़ा, मोरसीम तक जाती है। इसके आगे लूनी नदी में मिल जाती है। इसके बाद गांधव, चितलवाना के पास से होते हुए कच्छ के रण तक पहुंचती है। अकेले जालोर में करीब 15 से 20 लाख लोगों को जवाई नदी से पानी सुलभ होता है। इन 20 स्थानों पर अवैध दोहन सबसे ज्यादा
कोर्ट की रोक के बावजूद आहोर से पहले पचानवा में जवाई नदी बहाव क्षेत्र, सनवाड़ा, सीपरवाड़ा, कानीवाड़ा, हरियाली, पावटा, दयालपुरा में अवैध दोहन किया जा रहा है। वहीं जालोर के लेटा, रतनपुरा, महेशपुरा, सामतीपुरा, बिशनगढ ब्रिज के पास, सीफा की भाखरी, साफाड़ा और सायला के ऐलाना, आसाणा, बोरवाड़ा, कोम्ता व देता कला में भी अवैध दोहन का सिलसिला जारी है। जिलेभर में दोहन पर रोक
खनन विभाग के अनुसार प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश पर नदियों से बजरी के अवैध दोहन पर रोक लगी हैं। वहीं लीज भी बंद है। भीनमाल को छोड़कर सभी जगह बजरी का स्टॉक रखने की भी परमिशन नहीं है। इसके बावजूद जिले भर में बजरी खनन व परिवहन खुले आम जारी हैं। पुलिस की ओर से दावा किया जा रहा है कि बजरी का अवैध दोहन और परिवहन बंद है, लेकिन मौके पर लगातार दोहन जारी है और नाका पड़ने के बावजूद बजरी से भरे वाहनों की आवाजाही भी चालू है। पिछले 1 साल में हुई कार्रवाई
खनिज विभाग के मनोहर सिंह ने बताया- पिछले एक साल में 8 अवैध बजरी खनन, 2 अवैध बजरी स्टॉक, 242 अवैध बजरी परिवहन को लेकर कार्रवाई की हैं। इसमें 29 एफआईआर दर्ज की हैं। जिले में कुल 257 वाहन जब्त किए है, जिनमें 8 जेसीबी व लोडर मशीन, 13 डंपर व 228 ट्रैक्टरों पर कार्रवाई की गई है। इन स्थानों पर लीज बंद बजरी का ट्रेक्टर 2000 तो डंपर 10 हजार में मिल रहा
ठेकेदार जितेन्द्र माली ने बताया- जालोर में ट्रेक्टर से बजरी डालने के 1500 से 2000 रुपए ले रहे हैं। आप के 1500 रुपए तक डाल देंगे। डंपर के 10 हजार रुपए तक लगेंगे। अभी बजरी बंद हैं। मौका मिलते ही कल सुबह तक डाल देंगे। एसपी बोले- इस साल ज्यादा कार्रवाई की हैं
एसपी ज्ञानचंन्द्र यादव ने बताया- जालोर में पुलिस ने पिछले साल के मुकाबले इस साल अधिक कार्यवाही की हैं और खनन को लेकर लगातार कार्यवाही कर रहे हैं। आप की ओर से अगर कहीं पर खनन अथवा दोहन होने की शिकायत है तो हमें बताएं, हम वहां तुरंत कार्रवाई करेंगे। खनन विभाग ने कहा- नजर रख रहे है
खनन विभाग के एएमई राजेन्द्र चौधरी ने बताया- अवैध खनन की सूचना पर विभागीय नजर रखकर कार्रवाई कर रहे हैं। अभी भी जहां अवैध दोहन हो रहा हैं, वहां कार्रवाई की जाएगी। आगामी दिनों में लीज तैयार होते ही उसे जारी किया जाएगा।

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