राजस्थान में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद अब छात्रसंघ चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल में स्थगित हुए छात्रसंघ चुनाव को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर अब राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं ने चिट्ठी अभियान शुरू किया है। जिसके तहत राजस्थान यूनिवर्सिटी के प्रथम छात्र अध्यक्ष रहे ज्ञान सिंह चौधरी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख प्रदेश में एक बार फिर छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग की है। साल 1968 से 1989 तक राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष रहे ज्ञान सिंह चौधरी ने कहा कि प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव का आयोजन नहीं होना चिंता का विषय है। सरकार को आम छात्रों की आवाज को मजबूत करने के लिए प्रदेश में एक बार फिर छात्रसंघ चुनाव का आयोजन करवाना चाहिए। राजस्थान यूनिवर्सिटी समेत प्रदेश की तमाम यूनिवर्सिटी और कॉलेज में छात्र नेता रहे वह लोग जो आज मजबूत स्थिति में है। उन्हें भी इस मामले में आगे अगर आम छात्रों की पर भी करनी चाहिए। चौधरी ने कहा कि उन सभी को चुनाव फिर से शुरू करने के लिए एक होकर मुख्यमंत्री पर दबाव बनाना चाहिए। क्यों कि अगर छात्रसंघ चुनाव का आयोजन नहीं होता, तो वह भी आज इस स्थिति में नहीं होते। आज मुझसे मिलने भी छात्रों का प्रतिनिधिमंडल आया था। जिसने मुझे इस बारे अवगत कराया। इसके बाद मैंने भी राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखे एक बार फिर छात्रसंघ चुनाव कराने की अपील की है। दरअसल, पिछले साल 12 अगस्त को कांग्रेस सरकार ने छात्र संघ चुनाव रद्द करने का फैसला किया था। इसके बाद प्रदेशभर में छात्रों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था। हनुमान बेनीवाल सरीखे काफी राजनेताओं ने खुलकर आम छात्रों के साथ मिलकर छात्रसंघ चुनाव कराने की अपील भी की थी। लेकिन सरकार ने प्रदर्शनकारियों की बात कर दरकिनार कर छात्रसंघ चुनाव का आयोजन नहीं किया था। ऐसे में इस बार एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही छात्रों ने छात्रसंघ चुनाव की मांग शुरू कर दी है। हालांकि सरकार के स्तर पर छात्रसंघ चुनाव को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। बता दें कि पिछले दिनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख छात्रसंघ चुनाव फिर से शुरू करने की मांग की थी। बेनीवाल ने कहा- कांग्रेस सरकार ने छात्रसंघ चुनाव बंद कर युवाओं की आवाज को कमजोर करने का काम किया था। जिसमें सुधार करते हुए बीजेपी सरकार को फिर से छात्रसंघ चुनाव का आयोजन करवाना चाहिए। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में युवाओं को सक्रिय राजनीति में आने के लिए छात्र संघ चुनाव ही एक माध्यम है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटीज और कॉलेज में भी आम छात्र अपनी समस्याओं को छात्र नेताओं के माध्यम से ही उठा सकता है। इसलिए छात्र संघ चुनाव का आयोजन बेहद जरूरी है। ताकि आम छात्रों की समस्याओं का कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्तर पर ही समाधान हो सके।
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