छतों से पथराव के बीच फंसे रहे 16 पुलिसकर्मी:30 मिनट तक जान जोखिम में रही; 67 पर केस दर्ज, 43 लोग गिरफ्तार

जोधपुर में ईदगाह के पीछे की दीवार से दो गेट निकालने के विवाद के बाद हुए उपद्रव के तीसरे दिन आज रविवार को हालात तनावपूर्ण लेकिन काबू में हैं। शनिवार को दिनभर लोग घरों में कैद रहे। 67 लोगों पर नामजद मामला दर्ज किया गया है। अब तक 43 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पथराव में दो पुलिसकर्मी घायल हैं। यहां सूरसागर थाना इलाके के राजाराम सर्कल स्थित ईदगाह के मुख्य गेट के पास कुछ दुकानें हैं। गुरुवार को गेट निकालने का काम शुरू किया गया था। बस्ती में रहने वाले कुछ लोग गेट निकालने का विरोध जता रहे थे। दो दिन में दो बार दोनों पक्षों के बीच विवाद हो चुका था। पुलिस ने मामला शांत करवा दिया था। शुक्रवार को गेट निकलते देख पास की बस्ती के लोगों ने फिर से विरोध शुरू कर दिया था। वे गेट निकालने के काम को बंद करने की बात पर अड़ गए थे। तब दूसरे पक्ष के लोग भी वहां आ आए और गेट बनाने के लिए अड़े रहे। इसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए थे। शुक्रवार रात को हुए उपद्रव में 16 पुलिसकर्मी फंस गए। लोग छतों से पथराव कर रहे थे। दो बार पुलिस के जवान पीछे हटे, आंसू गैस के गोलों का भी कोई असर नहीं हुआ। आधे घंटे बाद अतिरिक्त जाब्ता आया तो पुलिसकर्मियों की जान बची। इस मामले पर राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- सूरसागर भाईचारे की पहचान है। गेट खोलने को लेकर हुआ विवाद ठीक नहीं है। उसे आधार बनाकर अराजक तत्वों ने माहौल बनाया। भाईचारे की अपील करता हूं। घटना को दूसरा रूप देने की कोशिश की। पुलिस सख्ती करेगी। शनिवार को शांति रही। जांच के बाद साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। जिला व पुलिस प्रशासन सक्रिय है। उग्ररूप नहीं लेने देंगे। सभी पक्षों से वार्ता तक पारदर्शितापूर्ण कार्रवाई करेंगे। ईदगाह का विवाद 15 साल पुराना है। पथराव-आगजनी के बाद लोग सहमे हुए हैं। शनिवार को डर के मारे लोग घरों से बाहर नहीं निकले। सूरसागर क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है। क्षेत्र में धारा-144 लगाई गई है। पुलिस ने उपद्रव के मामले में 43 लोग गिरफ्तार और 6 नाबालिग को डिटेन किया है। शुक्रवार रात हुए उपद्रव में किसी की आंख फूट गई, तो किसी की दुकान-ट्रैक्टर जल गया। एक्शन में आई पुलिस ने सब संभाल लिया। लेकिन इन सबमें बड़ी चूक भी रही। 2 दिन से भड़क रहे विवाद के बाद भी यहां बड़ा जाब्ता नहीं लगाने के कारण उपद्रवियों को मौका मिल गया। पुलिस ने दिन में हुए विवाद के बाद दोनों पक्षों के लोगों को समझाकर भेज दिया। रात में जब दोनों पक्ष वापस भिड़े तो उस दौरान केवल 16 पुलिसकर्मी ही वहां मौजूद थे। छतों से हो रहे पथराव के बीच ये पुलिसकर्मी भी 2 बार पीछे हटे, लेकिन फिर भी डटे रहे। आखिर आधे घंटे बाद फोर्स और जाब्ता आने पर पुलिस उपद्रवियों पर काबू पाने में लगी। पथराव में चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना के थानाधिकारी नितिन दवे एवं शास्त्रीनगर थाना के सब इंस्पेक्टर शैतान सिंह भी घायल हुए। इस पूरे घटनाक्रम को पुलिस के खुफियातंत्र की फेलियर और पुलिस द्वारा अंडरकरंट को भांप नहीं पाना भी माना जा रहा है। सन्नाटे में क्षेत्र, 5 थाना क्षेत्रों में धारा 144 सूरसागर में शुक्रवार रात भड़के दो गुटों के बीच उपद्रव के बाद शनिवार को तनावपूर्ण शांति रही। दुकानें और बाजार बंद रहे। पुलिस का जाब्ता दिन भर तैनात रहा। आला अधिकारी मॉनिटरिंग करते रहे। हालात की गंभीरता देखते हुए सूरसागर सहित प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर, देवनगर और राजीव गांधी नगर थाना क्षेत्रों में धारा 144 लगाई है। पत्थर लगने से महिला की आंख की रोशनी चली गई। पुलिस ने दोनों पक्षों के 400-500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 67 नामजद आरो​पियों पर मामला दर्ज किया है। पुलिस कार्रवाई के विरोध में एक पक्ष ने कमिश्नर और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। 2 पार्षदों को मिली जमानत शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे दोनों पक्ष थाने में राजीनामे के बाद घर लौट रहे थे। इस बीच एक पक्ष ने पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते उपद्रवियों ने कांच के शीशे फोड़े। ट्रैक्टर और दुकान को आग के हवाले कर दिया। एसटीएफ और आरएसी फोर्स आने के बाद उपद्रवी छतों से उतरकर घरों में छुपकर बैठ गए। इन्हें पुलिस ने एसटीएफ और आरएसी की मदद से पकड़ा। एडीसीपी (पश्चिम) निशांत भारद्वाज ने बताया कि रातभर में 43 नामजद उपद्रवियों को पुलिस ने शांति भंग में गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। इनमें पार्षद सत्तार व पार्षद धर्मेंद्र को जमानत मिली, बाकी सभी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा। आरोपियों पर राजकार्य में बाधा डालने और पुलिस पर हमला करने सहित अन्य धाराओं में मामले दर्ज किए हैं। शनिवार को बाजार नहीं खुले। इधर कांग्रेस नेता शहजाद खान परिचितों के साथ कमिश्नर ऑफिस गए। उन्होंने पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह से घर में घुसकर लोगों को पकड़ने के मामले का विरोध जताते हुए निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। यहां रही खामियां पूरे शहर में रात 10 बजे बाद दुकानें बंद हो जाती हैं लेकिन इस चौराहे पर रात 2 बजे तक खुली हुई थीं। शहरी इलाके में आधे घंटे तक पुलिस फोर्स का न पहुंच पाना भी सवाल उठाता है। पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह का कहना है एक जाब्ता रिजर्व में था, जो हथियार व अन्य संसाधनों एवं तैयारी के साथ आया और भी जाब्ता आ गया था। पुलिस का खुफिया तंत्र रहा नाकाम, दूरदर्शिता की कमी गुरुवार को दो बच्चों के बीच हुए झगड़ा आगे क्या रूप ले सकता है, इसे लेकर किसी ने तत्परता नहीं दिखाई। थाने के बाहर जब दोनों पक्ष के लोग एकत्र हुए, तब पुलिस ने मामला शांत करवा दिया। बाद में मामले पर नजर नहीं रखी। शुक्रवार शाम को ईदगाह का एक अतिरिक्त गेट खोलने को लेकर विवाद शुरू हुआ। इसमें पुलिस ने थाने में दोनों पक्षों को बैठाकर समझौता करवा दिया। दोनों पक्षों के थाने से निकलते ही एक पक्ष के कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। काफी संघर्षों के बीच डटी पुलिस ने उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए आंसूगैस छोड़ी तो पहला गोला उसके पास में ही फूट गया। इस कारण सभी को पीछे हटना पड़ा। इसके थोड़ी देर बाद दूसरा आंसूगैस का गोला उपद्रवियों के ऊपर दागा। लेकिन जैसे ही यह गोला गिरा तो उपद्रवियों ने उसे उठाकर पुलिस की ओर ही फेंक दिया। जो गिरते ही फूटा और दोबारा पुलिसकर्मियों को पीछे हटना पड़ा। छत पर पत्थर नहीं दिखे, अचानक कहां से आए इतने पत्थर सूरसागर थानाधिकारी मांगीलाल विश्नोई ने बताया- कुछ माह पहले ही उन्होंने थाना हलके में ड्रोन सर्वे करवाया था। इसमें पुलिस को छतों पर पड़े पत्थर नजर नहीं आए। शुक्रवार को उपद्रव के दौरान छतों से पथराव हुआ। जब पुलिस को ड्रोन सर्वे में कुछ नजर नहीं आया तो बड़ी मात्रा में इनकी छतों पर यह पत्थर आए कहां से? जबकि सूरसागर क्षेत्र दो गुटों में तनाव के मामले में अतिसंवेदनशील है। यानी उपद्रवियों की तैयारी पहले से थी, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। दो पक्षों के झगड़े में लगे पत्थर से इलाके की एक महिला लाजवंती गहलोत के एक आंख की रोशनी चली गई। इससे पूरा परिवार सदमे में है। घटना के वक्त लाजवंती घर में थीं। पोता बाहर खेल रहा था। शोर-शराबा हंगामा सुन, पोते को लेने दौड़ीं। पोते को लेकर जैसे ही अंदर आ रही थी, अचानक पत्थर उनकी आंख पर आकर लगा।

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