केशोराय मंदिर की कलाकृति का संरक्षण जरूरी: प्रभारी सचिव:कहा- यह हमारी विरासत, आम रास्ते से अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश

बूंदी जिले के प्रभारी सचिव कुंजीलाल मीणा ने बुधवार को केशोरायपाटन में स्थित केशोराय मंदिर परिसर का अवलोकन कर मंदिर के लिए बन रही डीपीआर के कार्यो का निरीक्षण किया। उन्होंने मंदिर की कलाकृति के संरक्षण के साथ आम रास्ते के अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत मंदिर के रिनोवेशन का काम होना है। इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। प्रभारी सचिव बुधवार दोपहर को केशोरायपाटन मन्दिर एवं आस-पास के क्षेत्र में होने वाले कार्यों की बन रही डीपीआर में शामिल विकास कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान मंदिर परिसर का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कहा कि मंदिर तक पहुंचने मे पर्यटकों और आम लोगों को अतिक्रमण के कारण काफी परेशानी होती होगी। इसके लिए एक प्लान तैयार कर आम रास्ते को आवागमन की दृष्टि से अतिक्रमण मुक्त किया जाए। प्रभारी सचिव ने चंबल नदी मे नौका विहार कर पर्यटन की संभावना पर चर्चा की। इस दौरान एसडीएम दीपक महावर, एडीएम नवरत्न कोली,पर्यटन अधिकारी प्रेम शंकर सैनी मौजुद रहे। कलात्मक कलाकृतियों का संरक्षण जरूरी
मीणा ने कहा कि डीपीआर में मंदिर के बाहरी दीवारों पर उकेरी गई कलात्मक कलाकृतियों का संरक्षण भी जरूरी है। यह कलाकृति इस मंदिर की पहचान है और हमारी प्राचीन विरासत भी है। इसलिए डीपीआर में इस कार्य को शामिल किया जाए ताकि मंदिर का मूल स्वरूप कायम रहे। उन्होंने केशवराय मंदिर की जीर्ण शीर्ण दीवारों की मरम्मत के काम को भी डीपीआर में शामिल करने के निर्देश दिए। एलईडी के माध्यम से प्रदर्शित करे डीपीआर
प्रभारी सचिव ने अधिकारियों ओर डीपीआर बना रही एजेंसी को निर्देश दिए कि वे आमजन को इन कार्यों की जानकारी देने के लिए एलईडी के माध्यम से संभावित कार्यों का प्रदर्शन करें ताकि आम लोगो को यह बात पता चल सके कि मंदिर के रिनोवेशन में कौन से काम होने हैं। इससे लोगो को आसानी से पता लगेगा कि काम होने के बाद मंदिर परिसर कैसा नजर आएगा। इससे लोगो के सुझाव भी सामने आएंगे। कंटेट – ओमपाल सिंह

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