कृपाण पहन कर आई युवती नहीं दे पाई RJS एग्जाम:SGPC ने विरोध जताया, कहा- यह संविधान का उल्लंघन; पिता बोले- कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी

RPSC की तरफ से रविवार को आयोजित न्यायिक परीक्षा (RJS) के दौरान जोधपुर सेंटर पर सिख युवती से धार्मिक चिन्ह कृपाण और प्रतीक उतरवाने का मामला गरमा गया है। एग्जाम सेंटर पर युवती से कृपाण साथ ना ले जाने के लिए कहा गया था। जब उसने मना किया तो उसे एग्जाम नहीं देने दिया। इस मामले को लेकर युवती के पिता ने कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही है। वहीं अमृतसर के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इसका विरोध जताते हुए कहा- यह देश के संविधान का बड़ा उल्लंघन है। पहले पढ़िए क्या था मामला जालंधर निवासी गुरसिख युवती एडवोकेट अरमानजोत कौर को कृपाण पहनकर परीक्षा केंद्र में जाने से रोका गया था। सिख लड़की के पिता बलजीत सिंह ने शिरोमणि कमेटी को बताया कि उनकी बेटी राजस्थान न्यायिक सेवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए जोधपुर गई थी। जहां परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने उसे पेपर में प्रवेश करने के लिए कृपाण उतारने के लिए कहा। लेकिन, बेटी ने इस पर आपत्ति जताई और कृपाण नहीं हटाई, इसलिए वह परीक्षा देने से वंचित रह गई। बलजीत सिंह ने यह भी बताया कि इस मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में भी याचिका दायर की गई है और न्याय के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। बलजीत सिंह ने कहा कि उनकी बेटी को न्याय मिलना चाहिए ताकि भविष्य में किसी और के साथ ऐसा भेदभाव न हो। वकील अरमानजोत कौर वर्तमान में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ वकील के अधीन कानून का अभ्यास कर रही हैं और देश में न्यायपालिका के क्षेत्र में सेवा करने के लिए उत्सुक हैं। SGPC के अध्यक्ष बोले- भविष्य दांव पर लग गया अमृतसर के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इसे देश के संविधान का बड़ा उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा- अरमानजोत कौर को कृपाण सहित न्यायिक परीक्षा से रोकने वाले परीक्षा केंद्र के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इन लोगों की इस मनमानी कार्रवाई से एक लड़की का भविष्य दांव पर लग गया है। एडवोकेट धामी ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार सिखों को कृपाण धारण करने का पूरा अधिकार है और सिख रहत मर्यादा के अनुसार कोई भी अमृतधारी सिख पांच सिख ककारों को अपने शरीर से अलग नहीं कर सकता है। सिखों के साथ ऐसा व्यवहार निंदनीय एडवोकेट धामी ने कहा कि पिछले कुछ समय से देश में सिख अभ्यर्थियों को निशाना बनाया जा रहा है। लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जहां सिखों को अपने धार्मिक प्रतीकों को हटाने के लिए कहा जाता है और विरोध करने पर प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रवेश से वंचित कर दिया जाता है। अध्यक्ष धामी ने इस घटना को अपने ही देश भारत में सिखों के साथ बड़ा भेदभाव बताया और गुरसिख लड़की को हर तरह का समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सिख संगठन पीड़ित गुरसिख लड़की के साथ है। एडवोकेट धामी ने कहा कि सिख उम्मीदवारों के खिलाफ यह भेदभाव उनके मानस को ठेस पहुंचाता है, क्योंकि पेपर से पहले उम्मीदवारों के साथ इस तरह का आपराधिक व्यवहार पेपर में उनके प्रदर्शन पर गहरा प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि हालांकि सभी जानते हैं कि कृपाण सिखों के पांच गुणों का हिस्सा है और यह सिख पहचान, मौलिक अधिकारों की अभिव्यक्ति भी है, फिर भी सिखों के साथ नफरत का व्यवहार करना बेहद निंदनीय है। सीएम से युवती का एग्जाम फिर से करवाने की मांग की धामी ने राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की कि राजस्थान न्यायिक सेवा प्रतियोगी परीक्षा के सिख अभ्यर्थी एडवोकेट अरमानजोत कौर का दोबारा करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष व्यवस्था की जाए। अकाली दल अध्यक्ष ने भी किया था विरोध अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी इस घटना का विरोध किया। उन्होंने कहा- मैं आज जोधपुर में हुई निंदनीय घटना की कड़ी निंदा करता हूं। जहां एक वकील और जालंधर की अमृतदारी सिख बीबी अरमानजोत कौर को अपनी पवित्र कृपाण, जो सिख रेहत मर्यादा का एक हिस्सा है, को नहीं छोड़ने के कारण न्यायिक सेवा परीक्षा देने से रोक दिया गया। यह हमारे धर्म के प्रति आक्रोश है। मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल से आग्रह करता हूं कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ अनुकरणीय दंडात्मक कार्रवाई करने और बीबी अरमानजोत कौर को परीक्षा में बैठने का विशेष मौका दें। जोधपुर-जयपुर के 222 केंद्रों पर हुई थी परीक्षा बता दें कि रविवार को राजस्थान में लोक सेवा आयोग की तरफ से जोधपुर और जयपुर केंद्रों पर 222 पदों के लिए आरजेएस प्रारम्भिक परीक्षा का ऑफलाइन मोड पर सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक आयोजन किया गया था। इस दौरान पंजाब और हरियाणा से कई सिख कैंडिडेट्स यहां एग्जाम देने आए थे। ऐसे में अन्य सेंटरों से पर भी सिख कैंडिडेट्स के साथ ऐसे मामले सामने आए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *