एमआरआई से भी हार्ट की सभी बीमारियों की सटीक पहचान:प्रदेश में पहली बार हुआ कार्डियक एमआरआई सिंपोजियम, एक्सपर्ट्स ने दी जानकारियां

हार्ट में सिर्फ नसों की ब्लॉकेज, वॉल्व के सिकुड़न या लीकेज की बीमारी ही नहीं होती। इसके अलावा भी कई बीमारियां हैं जिन्हें सिर्फ 2डी इको या एंजियोग्राफी से स्पष्ट नहीं किया जा सकता। इसके लिए अब कार्डियक एमआरआई का चलन तेजी से बढ़ रहा है। कार्डियक एमआरआई से हार्ट के कोने-कोने की बिल्कुल साफ तस्वीर स्पष्ट हो सकती है जिससे मरीज के ट्रीटमेंट के लिए सटीक प्लानिंग तैयार की जा सकती है।
इटर्नल हॉस्पिटल की ओर से आयोजित हुई इटर्नल कार्डियक एमआरआई सिंपोजियम-2024 में एक्सपर्ट्स ने हार्ट अटैक के अलावा दूसरी बीमारियों की पहचान में एमआरआई जांच के बारे में जानकारी दी।
कॉन्फ्रेंस की ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. ऋतु अग्रवाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में प्रदेशभर से 200 डेलीगेट्स और नेशनल स्पीकर्स ने भाग लिया। हार्ट अटैक के अलावा हार्ट में दूसरी कई बीमारियां होती हैं जिन्हें सिर्फ 2डी इको या एंजियोग्राफी से स्पष्ट नहीं किया जा सकता। इसमें एमआरआई का रोल काफी बढ़ जाता है। इस एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस में पहले सेशन हुए, इसके बाद एक वर्कशॉप भी आयोजित हुई। इस दौरान डॉ. विजय भास्कर नोरी, डॉ. प्रिया चुड़गर, डॉ. सुमन सिंघल सहित अन्य स्पीकर्स ने कार्डियक एमआरआई से संबंधित नवीनतम जानकारी साझा की।
हॉस्पिटल की को-चेयरपर्सन मंजू शर्मा और सीईओ डॉ. प्राचीश प्रकाश ने बताया कि अब कार्डियक एमआरआई का प्रचलन काफी बढ़ गया है और महामारी के रूप के बढ़ रही हार्ट की बीमारियों की सही समय पर पहचान के लिए इस जांच की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। बिना बेहोश और भर्ती किये जांच संभव

हैदराबाद के डॉ. विजय भास्कर नोरी ने बताया कि कार्डियक एमआरआई के लिए पेशेंट को बिना बेहोश किये जांच की जा सकती है। इसमें मरीज को भर्ती करने की आवश्यकता भी नहीं होती। सिर्फ आधे से एक घंटे के प्रोसीजर में जांच कर ली जाती है। इससे कुछ बीमारियों की पहचान के साथ प्रोग्नोसिस करने में भी मदद मिलती है।
डॉ. ऋतु अग्रवाल ने बताया कि कार्डियक एमआरआई से हार्ट के फंक्शन की सटीकता से जानकारी मालूम हो सकती है। वॉल्व की सिकुड़न, लीकेज पता चल सकता है। इसके अलावा हार्ट की मसल्स से जुड़ी कार्डियोमायोपैथी की बीमारी के बारे में, लेफ्ट वेंट्रीकुलर में इशिमिक कार्डियोमायोपैथी की पहचान, जिन मरीजों को आईसीडी डिवाइस लगनी होती है, उनके लिए कार्डियक एमआरआई काफी मददगार साबित होती है।

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