असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का आज राजसमंद जिले का दौरा रहा। इस दौरान उन्होंने जैन समाज के बैनर तले आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की। कटारिया सड़क मार्ग से कांकरोली स्थित प्रज्ञा विहार पहुंचे। वहां पुलिस गार्ड द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रज्ञा विहार में जैन समाज के बैनर तले मेवाड़ के विधायकों व मंत्रियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में महिलाओं द्वारा स्वागत अभिनंदन गीत के साथ हुई। इसके बाद जैन समाज के पदाधिकारियों द्वारा राज्यपाल का मेवाडी परंपरानुसार मंच पर स्वागत किया गया। वहीं मंच पर पहुंचे सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, उदयपुर विधायक तारा-चंद जैन, सहाड़ा विधायक लादुलाल पीतलिया का मेवाड़ी पगड़ी व शाल ओड़ा कर स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत सम्मान किया गया। बच्चों को शिक्षा देने से पहले गुरूजी को सीखना पड़ता है
इसके बाद राज्यपाल कटारिया ने मंच से उपस्थित जैन समाज के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज जिस मुकाम पर पहुंचा हूं वो आप सभी के सहयोग से संभव हो पाया है। समाज के कार्यों के लिए 100 प्रतिशत खरा उतरने का प्रयास करूंगा। मंच से राज्यपाल कटारिया ने समय के महत्व को समझाते हुए कहा कि वो साधारण शिक्षक रहे हैं और हमेशा किसी भी कार्यक्रम में समय पर पहुंचने की कोशिश रहती है। बच्चों को शिक्षा देने से पहले गुरूजी को सीखना पड़ता है वो ही मेंने जीवन में उतारा है। कुछ ही समय बाद कटारिया प्रज्ञा विहार से प्रस्थान कर गए। कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर डॉ भंवर लाल, पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी, सकल जैन समाज व महावीर मंच के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं महिलाएं उपस्थित थीं।
असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का राजसमंद दौरा:बोले- शिक्षक रहा हूं, बच्चों को सिखाने से पहले गुरू जी को सीखना पड़ता है
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