18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भाजपा सांसद भर्तुहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। 10:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी संसद भवन पहुंचे और मीडिया से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर 14.28 मिनट तक अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने नई संसद में पहली बार शपथ ग्रहण, जिम्मेदार विपक्ष, 1975 में लगी इमरजेंसी के 50 साल, तीसरे कार्यकाल, विकसित भारत के संकल्प और संसद में युवा सांसदों पर अपना पक्ष रखा। पीएम ने देश में इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- 25 जून न भूलने वाला दिन है। इसी दिन संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। पढ़िए मोदी की पूरी स्पीच, 5 पॉइंट्स में… देश में 1975 में लगी इमरजेंसी पर
मोदी ने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा- कल 25 जून हैं। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा को समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था। हम संकल्प करेंगे जीवंत लोकतंत्र का, भारत के संविधान के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करने का। विकसित भारत के संकल्प पर
संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवों के संकल्पों की पूर्ति का है। नई गति नई ऊंचाई हासिल करने का महत्वपूर्ण अवसर है। श्रेष्ठ भारत निर्माण का, विकसित भारत 2047 के संकल्प लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है। संसद में विपक्ष की भूमिका पर
सांसदों से भी देश को बहुत अपेक्षाएं हैं। सांसदों से अनुरोध करूंगा कि जनहित और लोकसेवा के लिए इस मौके का उपयोग करें। हर संभव कदम जनहित में उठाएं। देश को जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है। लोग नारे नहीं, सार्थकता चाहते हैं, वे संसद में डिस्टर्बेंस नहीं, बल्कि चर्चा और मेहनत चाहते हैं। युवा सांसदों की संख्या पर
हमारे लिए खुशी की बात है 18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की संख्या अच्छी है। जब हम 18 की बात करते हैं तो जो हमारी परंपरा को, संस्कृतिक विरासत को जानते हैं, उन्हें पता है हमारे यहां 18 अंक का बहुत सात्विक मूल्य है। गीता के 18 अध्याय हैं। कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश हमें वहां से मिलता है। हमारे यहां पुराणों और उप-पुराणों की संख्या भी 18 है। 18 का मूलांक 9 है। 9 पूर्णता की गारंटी देता है। पूर्णता का प्रतीक अंक है। 18 की उम्र में हमारे यहां मताधिकार मिलता है। 18वीं लोकसभा भारत के अमृतकाल की है। इसका गठन शुभ संकेत है। हम मानते हैं कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है। इसलिए हमारा प्रयास सबकी सहमति और सबको साथ लेकर चलने की होगी। देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। अब तक जो निराशा मिली है, शायद 18वीं लोकसभा में विपक्ष देश के सामान्य नागरिकों की अपेक्षा पर इस बार खरा उतरेगा। केंद्र में भाजपा के तीसरे कार्यकाल पर
विश्व का सबसे बड़ा चुनाव शानदार, गौरवमय तरीके से संपन्न होना गर्व की बात है। ये इसलिए भी अहम है क्योंकि आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार जनता ने सेवा का मौका दिया है। ये मौका 60 साल बाद आया है। देश की जनता ने तीसरे कार्यकाल के लिए भी एक सरकार को पसंद किया है मतलब उसकी नीयत पर, नीतियों पर, जनता जनार्दन के प्रति उसके समर्पण भाव पर मुहर लगाई है। देश ने हमें तीसरा मौका दिया है। इसलिए हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ जाता है। इसलिए मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपने जो हमें तीसरी बार मौका दिया है। दो बार का अनुभव हमारे पास है। मै विश्वास दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में हम पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे। हम परिणामों को तीन गुना ज्यादा लाकर रहेंगे। ये खबरें भी पढ़ें… संसद सत्र- मोदी ने सांसद पद की शपथ ली, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शपथ लेने पहुंचे तो विपक्ष बोला- NEET-NEET, शेम-शेम 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है। सबसे पहले सदन में राष्ट्रगान हुआ, उसके बाद पिछले सदन के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद पीएम मोदी ने लोकसभा सदस्य की शपथ ली। मोदी के बाद उनकी कैबिनेट के लोकसभा सांसदों ने शपथ ली। संसद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। संसद में आज और कल नए सांसद शपथ लेंगे। पढ़ें पूरी खबर… 18वीं लोकसभा- सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं, राष्ट्रपति का संबोधन, PM का भाषण, सरकार बहुमत साबित करेगी; 10 दिनों में क्या-क्या होगा 18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो गया है, यह 3 जुलाई तक चलेगा। 10 दिन में कुल 8 बैठकें (29-30 जून को छुट्टी) होंगी। शुरुआत के दो दिन, यानी 24 और 25 जून को प्रोटेम स्पीकर नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा। सत्र के आखिरी दो दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार धन्यवाद प्रस्ताव लाएगी और दोनों सदनों में चर्चा होगी। 10 साल बाद पहली बार पीएम मोदी के सामने मजबूत विपक्ष होगा। पढ़ें पूरी खबर…
संसद सत्र से पहले मोदी ने इमरजेंसी का जिक्र किया:बोले- 50 साल पहले संविधान को नकार दिया गया; संसद ड्रामे और स्लोगन से नहीं चलेगी
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