राहुल का वायनाड के नाम पत्र- आपने मुझे संभाला:मैं अजनबी था, फिर भी आपने मुझ पर विश्वास किया; आपसे दूर होते हुए उदास हूं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल में अपनी लोकसभा सीट वायनाड के नाम पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने के पीछे की अपनी तकलीफ और वहां के लोगों से मिले प्यार के बारे में लिखा है। उन्होंने कहा कि मैं पांच साल पहले आपसे मिला था। मैं आपके पास आपके समर्थन की उम्मीद लेकर आया था। तब मैं आपके लिए एक अजनबी था, फिर भी आपने मुझ पर विश्वास किया। राहुल ने आगे लिखा कि जब मैं रोजाना अपमान सह रहा था, तब आपके बिना शर्त प्यार ने मेरी रक्षा की। आप मेरे लिए शरण, घर और परिवार बने। इसलिए आपसे अलग होने का फैसला मीडिया को सुनाते वक्त आपने मेरी आंखों में उदासी देखी होगी। दरअसल, राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली- दो लोकसभा सीटों से जीते हैं, लेकिन कानून के मुताबिक उन्हें एक सीट खाली करनी होगी। राहुल रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे और वायनाड लोकसभा सीट खाली करेंगे। वायनाड सीट से राहुल की बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से चुनाव लड़ेंगी। राहुल गांधी का पत्र… राहुल में पत्र में क्या लिखा, विस्तार से पढ़िए… प्रिय वायनाड के बहनों और भाइयों, मुझे उम्मीद है कि आप अच्छे होंगे। आपने मीडिया के सामने खड़े होकर मेरे फैसले के बारे में बताते हुए मेरी आंखों में उदासी जरूर देखी होगी। तो मैं दुखी क्यों हूं? मैं आपसे पांच साल पहले मिला था। पहली बार जब मैं आपके पास आया, तो आपका समर्थन पाने की उम्मीद लेकर आया था। मैं आपके लिए अजनबी था, फिर भी आपने मुझ पर विश्वास किया। आपने मुझे बेइंतेहा प्यार और स्नेह से गले लगाया। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा कि आपने कौन सी राजनीतिक विचारधारा का समर्थन किया, आप किस समुदाय से थे या आप किस धर्म को मानते थे या आप कौन सी भाषा बोलते थे। जब मैं रोजाना अपमान सह रहा था, तब आपके बिना शर्त प्यार ने मेरी रक्षा की। आप मेरे लिए शरण, घर और परिवार बने। मुझे एक पल के लिए भी नहीं लगा कि आपने मुझ पर संदेह किया। मैंने बाढ़ के दौरान जो देखा उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। परिवार दर परिवार ने सब कुछ खो दिया था। जीवन, संपत्ति, दोस्त सब कुछ खो गया, लेकिन फिर भी आप में से एक भी, यहां तक कि सबसे छोटे बच्चे ने भी अपनी गरिमा नहीं खोई। मैं उन अनगिनत फूलों को याद रखूंगा, आपने मुझे जो अनगिनत बार गले लगाया मैं उसे याद रखूंगा। आपके दिए हुए फूल और आपका मुझे गले लगाना सच्चे प्यार और कोमलता से भरा था। और हजारों लोगों के सामने मेरे भाषणों का अनुवाद करने वाली लड़कियों का साहस, सौंदर्य और आत्मविश्वास मैं कैसे भूल सकता हूं। संसद में आपकी आवाज बनना वास्तव में खुशी और सम्मान की बात थी। मैं दुखी हूं, लेकिन मुझे यह सोचकर सांत्वना मिलती है कि मेरी बहन प्रियंका आपकी प्रतिनिधि बनने के लिए वहां होंगी। मुझे विश्वास है कि अगर आप उन्हें मौका देते हैं तो वह आपकी सांसद बनकर शानदार काम करेंगी। मुझे यह सोचकर भी सांत्वना मिलती है कि रायबरेली के लोगों में मेरा एक प्यारा परिवार है और एक बंधन है जिसे मैं गहराई से संजोता हूं। मेरा प्रमुख संकल्प आप और रायबरेली दोनों के लोगों के प्रति है कि हम देश में फैल रही नफरत और हिंसा को हराएंगे। मुझे नहीं पता कि मैं आपको कैसे धन्यवाद दूं कि आपने मेरे लिए क्या किया। जब मुझे सबसे ज्यादा जरूरत थी तब आपने मुझे जो प्यार और सुरक्षा दी, उसके लिए धन्यवाद। आप मेरे परिवार का हिस्सा हैं और मैं हमेशा आप में से प्रत्येक के लिए वहां रहूंगा। बहुत-बहुत धन्यवाद। 17 जून को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया था ऐलान
कांग्रेस की 17 जून को हुई बैठक में तय किया गया था कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे और रायबरेली से सांसद बने रहेंगे। उनकी जगह वायनाड से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की घोषणा की गई। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने कहा था- वायनाड और रायबरेली से मेरा भावनात्मक रिश्ता है। मैं पिछले 5 साल से वायनाड से सांसद था। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं समय-समय पर वायनाड का दौरा भी करूंगा। मेरा रायबरेली से पुराना रिश्ता है, मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन यह एक कठिन निर्णय था।

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