जम्मू-कश्मीर के उरी में दूसरे दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी:सुरक्षाबलों ने कल दो आतंकियों को मार गिराया था, एक का शव मिला

जम्मू-कश्मीर के बारामूला के उरी सेक्टर में सुरक्षाबलों ने शनिवार को 2 आतंकियों को मार गिराया था। ये आतंकी घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे। आज यानी रविवार 23 जून को इनमें से एक आतंकी की बॉडी रिकवर कर ली गई है। उरी के गहलोन इलाके में लगातार दूसरे दिन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतंकियों के एक समूह को उरी के गोहलन इलाके में घुसपैठ करते हुए देखा। सुरक्षाबलों ने उन्हें रुकने को कहा और उनकी घुसपैठ को नाकाम किया। इलाके में अभी कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। शनिवार शाम को इन आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच रुक-रुककर फायरिंग हुई थी। हालांकि, रविवार को भी यह फायरिंग जारी है या नहीं, इसकी जानकारी साझा नहीं की गई है। इससे पहले 19 जून को जम्मू-कश्मीर के बारामूला के हादीपोरा में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एनकाउंटर हुआ था, जिसमें दो आतंकी मारे गए, जबकि स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप का एक जवान और एक पुलिसकर्मी घायल हुए। जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने 16 जून को मीटिंग की थी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि आतंकवाद को कुचलें और आतंकियों की मदद करने वालों पर भी सख्ती बरतें। इस मीटिंग के 6 दिन बाद ही आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की है। पुलिस ने रियासी हमले में आतंकियों के मददगार को गिरफ्तार किया
19 जून को ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रियासी से 45 साल के ओवर ग्राउंड वर्कर हकीम-उद-दीन को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि आरोपी आतंकियों का बड़ा मददगार है, जिसने रियासी में श्रद्धालुओं से भरी बस पर हमला करने में आतंकियों की मदद की थी। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने 6000 रुपए में आतंकियों को पनाह दी थी। आतंकियों को खाना मुहैया कराने के साथ घटनास्थल तक पहुंचने का रास्ता भी बताया था। इस हमले में 9 श्रद्धालु मारे गए थे, जबकि 40 घायल हुए थे। बांदीपोरा के एनकाउंटर में मारा गया था LeT कमांडर
सोमवार (17 जून) की सुबह बांदीपोरा में सुरक्षाबलों ने आतंकी LeT कमांडर उमर अकबर लोन उर्फ जाफर को मार गिराया था। वो पट्टन का रहने वाला था। इलाके में 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। उनकी तलाश के लिए सेना का ऑपरेशन जारी है। अरागाम के जंगलों में रविवार (16 जून) को फायरिंग की आवाज सुनाई दी थी। इसके बाद सेना और पुलिस ने सर्चिंग की। सोमवार सुबह तलाशी तेज की गई तो आतंकियों ने गोलीबारी की थी। ड्रोन फुटेज में मारे गए आतंकी जाफर का शव जंगल में पड़ा नजर आया था। 9 जून के बाद से चार आतंकी हमले हो चुके जम्मू कश्मीर में 9 जून से रियासी, कठुआ और डोडा में चार स्थानों पर आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इनमें नौ तीर्थयात्री मारे गए। साथ ही एक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का जवान शहीद हो गया था। वहीं, एक नागरिक और सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। 9 से 12 जून तक चारों आतंकी घटनाओं के बारे में सिलसिलेवार पढ़ें… तारीख: 12 जून, रात 8:20 बजे
स्थान: डोडा, जम्मू
क्या हुआ: डोडा के गंडोह में कोटा टॉप में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के कॉन्स्टेबल फरीद अहमद जख्मी हो गए। फिलहाल उन्हें इलाज के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज डोडा में भर्ती कराया गया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। तारीख: 11 जून, रात 1-2 बजे
स्थान: डोडा, जम्मू
क्या हुआ: आतंकियों ने डोडा के भद्रवाह-पठानकोट मार्ग पर 4 राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की जॉइंट चेकपोस्ट पर फायरिंग की। 5 जवान और एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स (जेईएम/जैश) ने ली है। तारीख: 11 जून, देर शाम 8 बजे
स्थान: कठुआ, जम्मू
क्या हुआ: पाकिस्तान बॉर्डर से लगे हीरानगर के सैदा सुखल गांव में दो आतंकियों ने घरों का दरवाजा खटखटाकर पानी मांगा। ग्रामीणों को शक हुआ तो दरवाजे बंद कर शोर मचाया। आतंकियों ने फायरिंग की। एक ग्रामीण घायल हुआ। DIG और SSP पहुंचे तो एक आतंकी ने उनकी गाड़ी पर फायरिंग की। ग्रेनेड फेंकने के दौरान वह मारा गया। 12 जून को लगातार दूसरे दिन जारी मुठभेड़ में एक और आतंकी मारा गया। पुलिस ने आतंकी के पास से अमेरिका निर्मित एम4 कार्बाइन बरामद की है। ऑपरेशन अभी भी जारी है, क्योंकि सुरक्षाबलों को एक और आतंकी के छिपे होने की आशंका है। तारीख: 9 जून, शाम 6:15 बजे
स्थान: रियासी, जम्मू
क्या हुआ: मोदी सरकार के शपथ के दिन कंदा इलाके में शिव खोड़ी से कटरा जा रही बस पर आतंकियों ने 25-30 राउंड फायरिंग की। इसमें ड्राइवर को गोली लगी। बस खाई में गिरी। 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 41 घायल हो गए। पुलिस ने संदिग्ध आतंकी का स्केच जारी किया। 20 लाख रुपए का इनाम रखा। 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। हमले की जांच NIA को सौंप दी गई थी।

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