केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई:हाई कोर्ट ने कल बेल देने से इनकार किया था; राउज एवेन्यू कोर्ट का फैसला पलटा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर बुधवार (26 जून) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार (25 जून) को केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देने के राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को पलट दिया। दरअसल, 20 जून को राउज एवेन्यू की स्पेशल कोर्ट ने केजरीवाल को 1 लाख रुपए के व्यक्तिगत बॉन्ड पर जमानत दी थी। ED की याचिका पर हाई कोर्ट ने जमानत आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए अंतिम फैसला 2-3 दिन के सुरक्षित रख लिया था। इस पर कल हाई कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ फैसला सुनाया। केजरीवाल ने 23 जून को जमानत पर हाई कोर्ट के स्टे के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सोमवार (24 जून) को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जमानत मामले में हाई कोर्ट की तरफ से फैसला सुरक्षित रखने को असामान्य बताते हुए केजरीवाल को तत्काल राहत देने से इनकार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब तक दिल्ली हाई कोर्ट अपना फैसला नहीं सुनाता है, तब तक हमारी तरफ से कोई आदेश देना सही नहीं होगा। थोड़ा इंतजार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 26 जून तक के लिए सुनवाई टाल दी थी। ED के बाद आज CBI केजरीवाल को गिरफ्तारी कर सकती है
दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल को ED के बाद अब CBI गिरफ्तार कर सकती है। CBI ने मंगलवार (25 जून) को तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल से दिल्ली शराब नीति से जुड़े करप्शन केस में पूछताछ की और उनका स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया था। CBI को ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल की पेशी की इजाजत भी मिल गई है। केजरीवाल को आज यानी 26 जून को कोर्ट में पेश किया जाएगा। CBI सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट में पेशी के दौरान उन्हें आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार किए जाने की संभावना है। ट्रायल कोर्ट में आज केजरीवाल की पेशी से जुड़ी खबर का अपडेट पढ़ें… हाई कोर्ट ने कहा- ट्रायल कोर्ट ने बेल देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार (25 जून) को अपना फैसला देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट में दलीलों पर सही ढंग से बहस नहीं हुई थी। इसलिए हम उनके जमानत के फैसले को रद्द करते हैं। फैसले को देखकर ऐसा लगता है कि केजरीवाल को जमानत देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। अदालत को ED को बहस करने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए था। हाई कोर्ट के फैसले की खबर पढ़ें… हाई कोर्ट की 5 बड़ी टिप्पणियां 1. ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी पर विचार नहीं किया जा सकता। यह दर्शाता है कि ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया है।
2. इस बात पर मजबूत तर्क दिया गया कि जज ने धारा 45 PMLA की दोहरी शर्त पर विचार-विमर्श नहीं किया।
3. ट्रायल कोर्ट को ऐसा कोई निर्णय नहीं देना चाहिए जो हाई कोर्ट के फैसले से उलट हो।
4. ट्रायल कोर्ट ने धारा 70 PMLA के तर्क पर भी विचार नहीं किया है।
5. कोर्ट का यह भी मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा के लिए जमानत दी थी। एक बार जब उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका हाई कोर्ट से खारिज कर दी गई है, तो यह नहीं कहा जा सकता है कि कानून का उल्लंघन करके उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया था। 20 जून​​​​​: लोअर कोर्ट ने कहा था- ED के पास केजरीवाल के खिलाफ सीधे सबूत नहीं राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को शाम 8 बजे अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी। जज न्याय बिंदु की बेंच ने कहा था कि ED के पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई सीधे सबूत नहीं हैं। वह किसी भी तरह से सबूत हासिल करने के लिए वक्त ले रही है। यही बात अदालत को जांच एजेंसी के खिलाफ फैसला लेने के लिए मजबूर करती है कि वह पक्षपात के बिना काम नहीं कर रही है। कोर्ट ने केजरीवाल को 1 लाख के बेल बॉन्ड पर जमानत दे दी थी। लोअर कोर्ट ​​​​​​के बेल ऑर्डर की ​पूरी खबर पढ़ें… 2 जून: केजरीवाल ने सरेंडर करते वक्त कहा- पता नहीं, कब बाहर आऊंगा
केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर के पहले AAP कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि मैं देश बचाने के लिए जेल जा रहा हूं। मुझे नहीं पता कब वापस आऊंगा। वहां मेरे साथ क्या-क्या होगा, मुझे नहीं पता। सुप्रीम कोर्ट ने मुझे चुनाव प्रचार के लिए 21 दिनों की जमानत दी थी।​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें… 10 मई: 39 दिन बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल 10 मई को 39 दिन बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। ED ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इससे पहले जांच एजेंसी उन्हें 9 समन भेज चुकी थी। हालांकि, केजरीवाल एक बार भी पूछताछ के लिए जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। गिरफ्तारी के बाद शुरुआती 10 दिन केजरीवाल ED की हिरासत में थे। 1 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था। पूरी खबर पढ़ें…

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