ओएसिस स्कूल में नहीं हुआ NEET का पेपर लीक:प्रिंसिपल का दावा- हजारीबाग में कूरियर एजेंसी ने ई-रिक्शा से बैंक भेजे थे क्वेश्चन पेपर

नीट पेपर लीक मामले में झारखंड कनेक्शन को लेकर नई बात सामने आई है। हजारीबाग के कल्लू चौक मंडई रोड स्थित ओएसिस स्कूल में नीट का पेपर लीक नहीं हुआ है। यह दावा स्कूल के प्राचार्य और एग्जामिनेशन के सिटी कॉर्डिनेटर डॉ एहसान उल हक ने किया है। डॉ एहसान ने बताया कि रांची से क्वेश्चन पेपर को ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस ने अपने नेटवर्क की गाड़ी से तीन मई को हजारीबाग स्थित अपने सेंटर पर पहुंचाया। यहां से एसबीआई बैंक तक क्वेश्चन पेपर को ले जाने में एनटीए की एसओपी का पालन नहीं किया गया था। कूरियर एजेंसी ने अपने सेंटर से बैंक तक ई-रिक्शा से क्वेश्न पेपर भेजे थे। जबकि, क्वेश्चन पेपर हमेशा बंद गाड़ी में भेजा जाता है। इस दौरान वहां बैंक के अधिकारी बतौर कस्टोडियन मौजूद रहते हैं। जब बैंक में ई-रिक्शा से क्वेश्चन पेपर भेजे तो बैंक कस्टोडियन को इसकी शिकायत करनी चाहिए थी। लेकिन, कोई शिकायत नहीं की। ओएसिस स्कूल में नहीं हुआ पेपर लीक ओएसिस स्कूल के प्राचार्य डॉ एहसान उल हक ने बताया कि स्कूल स्तर पर किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है। बिहार से आई ईओयू की टीम को पूरी जानकारी दे दी है। उन्होंने बताया कि अगर पेपर में किसी तरह की छेड़छाड़ हुई होगी तो सेंटर पहुंचने से पहले ही हुई होगी। उन्होंने बताया कि जब ईओयू की टीम 21 जून को स्कूल पहुंची थी, तब वे उस टीम के साथ एसबीआई बैंक भी गए। टीम ब्लू डार्ट कूरियर के सेंटर भी गई थी। ब्लू डार्ट कूरियर के सेंटर पर कर्मचारियों ने बताया कि हजारीबाग के कूरियर सेंटर से क्वेश्चन पेपर के बक्सों को भाड़े के ई-रिक्शा से बैंक भेजा गया था। जांच के क्रम में ईओयू ने क्वेश्चन पेपर के ट्रांसपोर्टेशन की आलोचना करते हुए ब्लू डार्ट को गैर जिम्मेदार बताया था। नौ बक्से में परीक्षा केंद्र आए थे क्वेश्चन पेपर एनटीए के सिटी कॉर्डिनेटर डॉ एहसान उल हक ने बताया कि हजारीबाग के पांच केंद्रों पर 5 मई को एनटीए के मापदंडों के अनुसार परीक्षा ली गई। कुल 9 बक्सों में सील प्रश्न पत्र एसबीआई बैंक में 5 मई 2024 को सुबह 7:30 के बाद रिसीव कर हजारीबाग के सभी पांच परीक्षा केंद्रों के सेंटर सुपरिटेंडेंट और ऑब्जर्वर को बैंक मैनेजर की उपस्थिति में सील बंद बक्से सौंपे गए थे। सभी केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई थी। सात लेयर में कवर हो कर आते क्वेश्चन पेपर परीक्षा केंद्र पर क्वेश्चन पेपर सात लेयर में कवर हो कर आते हैं। पहला लेयर कार्टन से कवर होता है। जिस पर टेपिंग की हुई होती है। इसके बाद एक आयरन बॉक्स होता है। इसमें दो लॉक लगे होते हैं। एक लॉक उसमें दी गई आरी से काटना होता है। दूसरा लॉक डिजिटल होता है, जो समय पर स्वत: खुल जाता है। उन्होंने बताया कि जब क्वेश्चन पेपर हमारे पास आए थे तब वो उसी तरह कवर थे, जैसा होता है। जब क्वेश्चन पेपर बॉक्स रिसिव किया जाता है, तब बैंक के दो कस्टोडियन मौजूद होते हैं। उस दिन वो थे। बतौर सिटी कॉर्डिनेटर मैं था। इसके अलावा पांच सेंटर के सुपरिटेंडेंट मौजूद थे। साथ ही एनटीए के पांच ऑर्ब्जवर भी थे। इसके बाद बॉक्स रिसिव कर अलग-अलग सेंटर पर भेजा गया। परीक्षा के दिन क्वेश्चन पेपर बांटने से पहले निर्धारित समय पर आयरन बॉक्स का एक लॉक खोल दिया गया। दूसरा डिजिटल बॉक्स था जो स्वत: नहीं खुला। इसके बाद एनटीए के निर्देश पर आरी से काट कर उसे खोला गया।

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